चरचा कॉलरी। चरचा थाना क्षेत्र अंतर्गत कॉलरी इलाके में हथियारबंद असामाजिक तत्वों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। बीते छह माह में चोरी की कई बड़ी वारदातें हो चुकी हैं, लेकिन स्थानीय पुलिस और विभागीय सुरक्षा प्रबंधन की निष्क्रियता के चलते गिरोहों के हौसले बुलंद हैं।
27 सितम्बर की शाम दो बड़ी वारदातें
शनिवार शाम कॉलरी क्षेत्र में हुई दो दुस्साहसी घटनाओं ने सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी। पहली घटना विभागीय बेल्ट लाइन डी-1 के पास स्थित बिजली रूम की है। यहां 8–10 अज्ञात युवक टांगी, डंडे और अन्य घातक हथियारों से लैस होकर पहुंचे और अत्याधुनिक कटर मशीन व औजारों की मदद से 3.3 केवी विद्युत प्रवाहित मोटे केबल का करीब 10 मीटर हिस्सा काटकर ले गए।
इसी गिरोह ने इसके बाद वार्ड क्रमांक 8 स्थित अधिकारी कॉलोनी के पास पावर हाउस से लगभग 15 मीटर विद्युत केबल चोरी कर लिया। सूचना पर सुरक्षा विभाग ने थाना पुलिस को लिखित जानकारी दी। अनुमान है कि चोरी हुई केबल की कीमत हजारों रुपये में है।
गिरोह का संगठित नेटवर्क
स्थानीय सूत्रों का कहना है कि पिछले छह महीनों में विभागीय परिसर में इस तरह की कई घटनाएं हो चुकी हैं। लगभग हर वारदात में 8–10 लोगों का गिरोह शामिल होता है। बताया जाता है कि ये असामाजिक तत्व चर्चा वेस्ट खदान के पंखा घर के पास स्थित गुफानुमा सुरंग से अंदर दाखिल होते हैं और अंधेरे में 40–45 पैनल तक जाकर तांबे की मोटी केबल को निशाना बनाते हैं। उनका मुख्य उद्देश्य भारी-भरकम तांबे को निकालकर अवैध कमाई करना है।
पुलिस और प्रबंधन पर सवाल
शिकायतें दर्ज होने के बावजूद न तो पुलिस की ओर से ठोस कार्रवाई की जाती है और न ही कंपनी स्तर पर पुख्ता सुरक्षा इंतजाम किए जाते हैं। पुलिस कभी-कभार औपचारिक कार्रवाई कर अपनी पीठ थपथपा लेती है, लेकिन संगठित गिरोहों की जड़ तक नहीं पहुंच पाती। यही कारण है कि अपराधियों का मनोबल लगातार बढ़ रहा है और अब यह गिरोह रिहायशी इलाकों तक वारदातों को अंजाम देने लगे हैं, जिससे आम नागरिक और कर्मचारी दोनों असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
सुरक्षा पर गंभीर सवाल
एसईसीएल प्रबंधन की करोड़ों की संपत्ति इस क्षेत्र में फैली है, लेकिन सुरक्षा बल में अधिकतर वे कर्मचारी तैनात हैं जो खदानों से स्थानांतरित होकर आए हैं। इनमें कई शारीरिक रूप से अक्षम लोग भी शामिल हैं। नतीजतन सुरक्षा व्यवस्था महज दिखावा बनकर रह गई है।
जनता में रोष, कार्रवाई की मांग
लगातार हो रही घटनाओं से स्थानीय नागरिकों और कर्मचारियों में आक्रोश है। लोगों ने पुलिस प्रशासन और एसईसीएल प्रबंधन से कठोर कदम उठाने की मांग की है, ताकि हथियारबंद गिरोहों पर अंकुश लग सके और जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
यदि समय रहते ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो चरचा कॉलरी क्षेत्र में संगठित अपराध का यह तंत्र और अधिक मजबूत हो सकता है।
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