कोयलांचल क्षेत्र में गंदे पानी की आपूर्ति से मजदूर मजबूर, प्रबंधन बना मूकदर्शक



चरचा काॅलरी जिला कोरिया। कोयलांचल क्षेत्र के चरचा कॉलोनीयो में इन दिनों मजदूर और वहां की जनता गंदा पानी पीने को मजबूर हो गई है। एसईसीएल (SECL) क्षेत्र में दो-दो वाटर फिल्टर प्लांट होने के बावजूद गंदे पानी की सप्लाई जारी है, जो पीने योग्य नहीं है। यह समस्या पिछले 15 दिनों से लगातार बनी हुई है।

जानकारी के अनुसार, एसईसीएल बैकुंठपुर क्षेत्र की चरचा कॉलोनी में एसईसीएल कर्मचारी और गैर-एसईसीएल कर्मचारी सहित लगभग 20 से 25 हजार की आबादी निवास करती है, लेकिन वहां गंदे पानी की आपूर्ति हो रही है। इसके बावजूद नए सह क्षेत्र प्रबंधक अपनी मनमानी करते हुए इस गंभीर समस्या की अनदेखी कर रहे हैं।

सह क्षेत्र प्रबंधक का दावा है कि रविवार के दिन कामगारों के कटौती के कारण जल आपूर्ति बाधित हो रही है, जबकि मजदूरों का कहना है कि यह बहाना मात्र ध्यान भटकाने के लिए प्रस्तुत किया जा रहा है। साथ ही, ट्रेड यूनियन द्वारा हर साल वेरिफिकेशन के नाम पर मजदूरों से हजारों रुपये चंदा वसूले जाते हैं, परंतु पानी की समस्या पर अब तक कोई समर्थन नहीं दिया गया।

प्रबंधन द्वारा जारी कई फरमान भी मजदूरों की व्यावहारिक ज़रूरतों के खिलाफ जारी किए जा रहे हैं। ऐसे में नाराज़गी गहराने लगी है और मजदूरों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। बताया जा रहा है कि यदि समस्या का समाधान नहीं निकला, तो आने वाले दिनों में यह विरोध हड़ताल का रूप भी ले सकता है।

पूर्व में प्रबंधन सुचारू रूप से कामकाज संचालित करता रहा है, लेकिन पिछले 15 दिनों से चरचा कॉलोनी के निवासियों को गंदा पानी पीने की मजबूरी झेलनी पड़ रही है। सवाल उठता है कि इस अनैतिकता के बीच प्रबंधन चरचा आरओ को किस प्रकार से संचालित करना चाहता है।

समय आ गया है कि संबंधित अधिकारियों और उच्च प्रशासन को इस ओर संजीदा ध्यान देकर तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए, नहीं तो क्षेत्रीय तनाव बढ़ने के साथ व्यापक आंदोलन की आ बढ़ जाएगी।

प्रबंधक ने जारी किया निर्देश: अंडरग्राउंड कर्मचारी Sunday एवं PHD की अनुमति के लिए अनुमोदन अनिवार्य




प्रबंधक द्वारा अपने लेटर पैड पर जारी सूचना में बताया गया है कि चरचा माईन आर.ओ. के सभी अंडरग्राउंड कर्मचारियों को अवगत कराया जाता है कि जो कर्मचारी वर्तमान में अंडरग्राउंड ड्यूटी के स्थान पर बाहर कार्य में नियोजित हैं, उनके Sunday एवं PHD की अनुमति केवल अधोहस्ताक्षरी अनुमोदन प्राप्त होने के पश्चात ही प्रदान की जाएगी।

प्रबंधक ने स्पष्ट किया है कि बिना अनुमोदन के अनुमति स्वीकृत नहीं की जाएगी। सभी संबंधित कर्मचारियों से अनुरोध है कि वे निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए समय से आवेदन प्रस्तुत करें, ताकि आवश्यक अनुमोदन प्रक्रिया पूरी हो सके।

यह कदम कार्य व्यवस्था को और अधिक अनुशासित एवं सुव्यवस्थित बनाने के उद्देश्य से उठाया गया है।


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