शिवपुर चरचा में विधि-विधान व उल्लास के साथ मनाया गया भव्य करमा पर्व महोत्सव

अंकित अग्रवाल कि रिपोर्ट 
कोरिया चरचा कॉलरी। कोयलांचल क्षेत्र के नगर पालिका शिवपुर चरचा स्थित आदि संस्कृति विकास समिति के तत्वावधान में परंपरागत करमा पर्व महोत्सव का भव्य आयोजन श्रमवीर स्टेडियम में विधि-विधान व हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ। यह पर्व छत्तीसगढ़ की समृद्ध परंपराओं का प्रतीक है, जिसे परिवार-समाज में सुख-शांति, समृद्धि व खुशहाली के लिए मनाया जाता है।
कार्यक्रम का शुभारंभ क्षेत्रीय विधायक भइया लाल राजवाड़े द्वारा मांदर की थाप पर विधिपूर्वक किया गया। स्थल पर सजा हुआ करम डार के चारों ओर व्रती महिलाएँ ज्वार सजाकर उपस्थित रहीं। समाज के स्थानीय बईगा द्वारा विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई और व्रती महिलाओं को करम देवता की कथा सुनाकर कर्म की महत्ता पर प्रकाश डाला गया। 
बईगा ने विशेष रूप से प्रकृति के पांच मूल तत्व धरती, जल, अग्नि, वायु और आकाश के संरक्षण का संदेश देते हुए समाज में महिलाओं की भूमिका पर जोर दिया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व केन्द्रीय मंत्री व भरतपुर सोनहत विधायक श्रीमती रेणुका सिंह उपस्थित थीं। जिन्होंने परंपरागत त्योहार के महत्व को रेखांकित किया।
 विशिष्ट अतिथि के रूप में विधायक भइया लाल राजवाड़े, अति विशिष्ट अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष मोहित राम पैंकरा, जिला उपाध्यक्ष श्रीमती वंदना विजय राजवाड़े, नगर पालिका अध्यक्ष अरुण जयसवाल, उपाध्यक्ष राजेश सिंह, पूर्व नपाध्यक्ष श्रीमती लालमुनि यादव व श्रीमती कुन्ती चक्रधारी, मंडल अध्यक्ष दीपा विश्वकर्मा, पूर्व मंडल अध्यक्ष अभिमन्यु मुदुली, मंडल उपाध्यक्ष आदित्य जयसवाल, पार्षदगण कुण्डल सायं, संजय देवांगन, प्रदीप तिवारी, धर्मपाल, लाल मोहम्मद सहित अन्य गणमान्य सदस्य मंचासीन रहे। अतिथियों को पुष्प गुच्छ भेंट कर सम्मानित किया गया।मुख्य अतिथि श्रीमती रेणुका सिंह ने करमा पर्व को छत्तीसगढ़ की संस्कृति व परंपरा का महत्वपूर्ण हिस्सा बताया और सभी से इसे संरक्षित करने की अपील की। भइया लाल राजवाड़े ने घोषणा की कि संस्कृति विभाग से आदि संस्कृति विकास समिति के नाम दस लाख रुपए की सुकृति जल्द ही समिति के खाते में आ जाएगी। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के पर्व पर सार्वजनिक छुट्टी मिलने से स्थानीय लोगों को अपनी परंपरा को सजोने व संजोने का अवसर मिलता है।रातभर का कार्यक्रम सरगुजा व कोरिया संभाग की नर्तक टीमों द्वारा करमा नृत्य की मनमोहक प्रस्तुतियों से सजा रहा। प्रत्येक प्रस्तुति ने दर्शकों को भाव-विभोर कर दिया और वातावरण को रंगीन बना दिया। अतिथियों ने कहा कि करमा देवता की पूजा करने से घर में सदैव सुख-शांति व समृद्धि बनी रहती है। इस दौरान सभी ने एकजुट होकर प्रकृति व समाज के सामूहिक कल्याण की कामना की।कार्यक्रम के समापन पर आयोजकों ने धन्यवाद ज्ञापन किया और व्रती महिलाएं व उपस्थित जनसमूह को सामूहिक रूप से परंपरा का पालन करते रहने का संदेश दिया। करमा पर्व के इस भव्य आयोजन ने छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत को जीवंत रखते हुए समाज में भाईचारे व प्रेम का संदेश भी दिया।इसी के साथ शनिवार कि सुबह 7 बजे श्रमवीर स्टेडियम से करम डार कि विसर्जन यात्रा निकाली गई जिसमें हजारों महिला पुरुष बालिकाएं कर्मा नृत्य पर झूमते-गाते नाचते हुए मुख्य मार्ग होते हुए छठ घाट में विधि विधान से पूजा हवन कर विसर्जन किया।
संवादाता अंकित अग्रवाल 

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