प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा,
"अगर माँ बीमार हो जाए, तो परिवार की सारी व्यवस्थाएं चरमरा जाती हैं। इस अभियान का उद्देश्य माताओं और बहनों के उज्ज्वल भविष्य को सुनिश्चित करना है ताकि कोई महिला जानकारी या संसाधनों के अभाव में गंभीर बीमारी का शिकार न हो।"
महिलाएं महिलाओं की मदद करें
कलेक्टर श्रीमती चन्दन त्रिपाठी ने कहा कि कुपोषण उन्मूलन में महिलाओं की भूमिका अहम है। मितानिन व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता गर्भवती व धात्री माताओं की नियमित जांच और पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने में सक्रिय भूमिका निभाएं। विशेष रूप से कोरिया मोदक जैसे पोषणयुक्त आहार का वितरण अनिवार्य किया गया। उन्होंने 35 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं से कैंसर व अन्य रोगों की नियमित जांच कराने का आग्रह भी किया। साथ ही, आगामी मेगा हेल्थ कैम्प और संस्थागत प्रसव को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
सम्मान व प्रोत्साहन
10 मितानिन व 10 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को श्रीफल व शॉल से सम्मानित किया गया। जनपक्षधर पत्रकारिता के लिए जिले के पत्रकारों को सम्मानित किया गया।
अभियान के प्रमुख फोकस
- 15-49 वर्ष की महिलाओं व किशोरियों में एनीमिया, सिकल सेल, मासिक धर्म स्वच्छता और पोषण जांच।
- गैर-संचारी रोगों की स्क्रीनिंग – डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, सर्वाइकल व ब्रेस्ट कैंसर।
- संचारी रोग जांच – टीबी व कुष्ठ रोग।
- गर्भवती महिलाओं के सुरक्षित संस्थागत प्रसव की सुनिश्चितता।
- जिला अस्पताल, स्कूल, छात्रावास व आश्रमों में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन।
- योग व आयुष विभाग द्वारा रोगों से बचाव पर परामर्श।
जनप्रतिनिधियों की अपील
जिला पंचायत अध्यक्ष श्री मोहित पैकरा व उपाध्यक्ष श्रीमती वंदना राजवाड़े ने महिलाओं से अपील की कि वे स्वास्थ्य की अनदेखी न करें और समय-समय पर जांच कराएं।
कार्यक्रम में जिला पंचायत सीईओ डॉ. आशुतोष चतुर्वेदी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रशांत सिंह, सिविल सर्जन डॉ. आयुष जायसवाल, महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्री एन. एस. रावटे, जनप्रतिनिधि, अधिकारी, ग्रामीण व मीडिया प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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