आवारा कुत्तों का आतंक: पागल कुत्ते ने 15 लोगों को काटा, एक मासूम की हालत गंभीर — चरचा में स्वास्थ्य व्यवस्था हुई फेल




कोरिया चरचा कॉलरी।नगर पालिका शिवपुर-चरचा क्षेत्र में इन दिनों आवारा कुत्तों का आतंक चरम पर है। बुधवार की रात यह आतंक भयावह रूप में सामने आया, जब एक पागल कुत्ते ने अचानक शमीम अख्तर, मोहम्मद हसीब, नूर सबा, हसन राजा, मोदी, सोनी सहित लगभग 15 लोगों को काट खाया, जिनमें चार मासूम बच्चे भी शामिल हैं। बच्चों की चीख-पुकार सुनकर मोहल्ले में अफरातफरी मच गई।
घायलों को स्थानीय स्तर पर उपचार न मिलने के कारण उन्हें तत्काल जिला चिकित्सालय बैकुंठपुर भेजा गया। वहां प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने नौ वर्षीय मासूम हसन राजा की हालत गंभीर देखकर उसे एम्स रायपुर रेफर कर दिया। परिजन रातों-रात बच्चे को गोद में उठाए रायपुर पहुंचे, जहां उसकी स्थिति अभी भी नाजुक बताई जा रही है।
गुरुवार की सुबह एक और चौंकाने वाली घटना सामने आई ऑफिसर कॉलोनी स्थित क्षेत्र प्रबंधक निवास के कुत्ते ने स्थानीय महिला सोनी राजवाड़े को काट लिया। सूत्रों के अनुसार, उक्त कुत्ता पहले भी कई लोगों को काट चुका है, परंतु अधिकारी के प्रभाव और भय के कारण लोग चुप रहते हैं।

स्वास्थ्य सेवाएं भगवान भरोसे — इंजेक्शन तक नहीं उपलब्ध
चरचा क्षेत्र में दो अस्पताले है जिसमें एक एसईसीएल तो दुसरा स्वास्थ्य केंद्र परंतु दोनों नाम का है।

जहां वार्ड क्रमांक 6 स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में न तो डॉक्टर नियमित रूप से उपलब्ध हैं, न ही एंटी-रेबीज वैक्सीन।

सबसे चिंताजनक तथ्य यह है कि एसईसीएल क्षेत्रीय चिकित्सालय चरचा, जहाँ रेबीज़ का इंजेक्शन उपलब्ध है, वहां के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजय सिंह ने आमजन को इलाज देने से इंकार कर दिया। उनका कथन था हम केवल एसईसीएल कर्मियों और उनके परिवारजनों को ही इंजेक्शन दे सकते हैं। हमें ऊपर से ऐसा निर्देश मिला है।

यह बयान न केवल अमानवीय और असंवेदनशील है, बल्कि चिकित्सा सेवा की शपथ और कर्तव्य भावना का भी घोर अपमान है।

एसईसीएल की सामाजिक जिम्मेदारी पर सवाल

पिछले 61 वर्षों से एसईसीएल इस क्षेत्र में कोयला दोहन कर रही है। उसके कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (CSR) के तहत स्थानीय नागरिकों को भी मूलभूत स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना अनिवार्य है। बावजूद इसके, चरचा चिकित्सालय की स्थिति यह दर्शाती है कि एसईसीएल प्रबंधन आम जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारी से विमुख हो चुका है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है अगर समय पर इंजेक्शन उपलब्ध करा दिया जाता, तो मासूमों की हालत इतनी बिगड़ती ही नहीं।

नगर पालिका ने कहा होगी कार्रवाई

कुत्ते के काटने की घटनाओं पर नगर पालिका शिवपुर-चरचा के मुख्य नगर पालिका अधिकारी वशिष्ठ कुमार ओझा ने कहा तत्काल कार्यवाही की जाएगी। एसईसीएल प्रबंधन और जिला प्रशासन को पत्र लिखकर रेबीज़ का इंजेक्शन उपलब्ध कराने का अनुरोध किया जाएगा। स्थानीय स्तर पर समुचित इलाज सुनिश्चित कराया जाएगा।

मानवता पर प्रश्नचिह्न

यह पूरा मामला न केवल चिकित्सकीय लापरवाही का उदाहरण है, बल्कि मानवता के खिलाफ अपराध भी प्रतीत होता है। सवाल यह है कि जब चरचा जैसा औद्योगिक नगर आज भी एक इंजेक्शन के लिए तरस रहा है, तो विकास के सारे दावे कितने सच हैं।

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