चरचा कॉलरी के वार्डों में फैली गंदगी, सफाई व्यवस्था ठप, नगर पालिका की लचर व्यवस्था से वार्डवासी परेशान — एसईसीएल क्षेत्र में सफाई के नाम पर केवल कागजी कार्रवाई


चरचा कॉलरी। नगर पालिका शिवपुर-चरचा के वार्ड क्रमांक 10 में इन दिनों गंदगी और कचरे का अंबार लगा हुआ है। वार्ड की गलियों और सड़कों पर जगह-जगह कूड़े के ढेर दिखाई दे रहे हैं। नगर पालिका द्वारा डोर टू डोर कचरा संग्रहण के लिए चलाए जा रहे रिक्शा वाहन भी खराब पड़े हैं, जिससे सफाई व्यवस्था पूरी तरह ठप हो गई है।
डोर टू डोर कचरा कलेक्शन करने वाली दीदियों का कहना है कि रिक्शा खराब होने से हमें घर-घर जाकर कचरा लाने में भारी दिक्कत होती है। कई बार पैदल कचरा लाना पड़ता है जिससे समय और श्रम दोनों की बर्बादी होती है। उनका यह भी कहना है कि अधिकारी बार-बार आश्वासन देते हैं पर समस्या जस की तस बनी हुई है।

खुले में फेंका जा रहा कचरा, बढ़ रहा संक्रमण का खतरा

वार्डों में कचरा नहीं उठने से लोग मजबूरीवश खुले में कचरा फेंक रहे हैं। इससे आसपास के वातावरण में दुर्गंध फैल गई है। सड़क किनारे और नालियों के पास जमा कचरे को पशु खाते हैं जिससे वे बीमार और लाचार हो जाते हैं। साथ ही मच्छरों का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है जिससे डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा मंडराने लगा है।

वहीं नगर पालिका के डोर टू डोर कचड़ा कलेक्शन कि सुपरवाइजरो कि लापरवाही के कारण स्वच्छता दीदीयो कि मनमानी बढ़ीं हुई है जिससे कचड़ा कलेक्शन करने में लापरवाही बरती जा रही है।जो वार्डो का कचड़ा समय से नहीं उठता है।
वार्डवासी बताते हैं कि त्योहारों के समय में जब सफाई व्यवस्था दुरुस्त होनी चाहिए, तब हालत और भी खराब है। सड़कों पर जमा कचरा और गंदगी नगर की सुंदरता को बिगाड़ रही है। लोगों का कहना है कि नगर पालिका अधिकारी केवल दावे करते हैं कि हमारा नगर पालिका स्वच्छ, स्वस्थ और सुंदर है, पर जमीनी स्तर पर स्थिति इसके ठीक उलट है।

एसईसीएल क्षेत्र में सफाई के नाम पर बंदरबांट

पूरे चरचा क्षेत्र कोयला कंपनी एसईसीएल के अधीन आता है। यहां हर वर्ष सफाई के लिए लाखों रुपये का टेंडर जारी होता है। परंतु स्थानीय लोगों के अनुसार, सफाई का अधिकांश कार्य केवल कागजों में ही पूरा दिखा दिया जाता है।

एसईसीएल के ठेकेदारों के मुंशी नालियों से कचरा निकालकर उसे सड़क किनारे डाल देते हैं, जिससे कुछ ही दिनों में वह फिर से नाली में भर जाता है। बावजूद इसके रिपोर्ट में सफाई कार्य पूर्ण बताया जाता है और भुगतान कर दिया जाता है। यह सब संबंधित अधिकारियों की मौन स्वीकृति से चलता रहता है।

यूनियनों पर भी उठ रहे सवाल

सूत्रों के अनुसार, एसईसीएल क्षेत्र में पांच ट्रेड यूनियन सक्रिय हैं। ये यूनियनें अपने-अपने स्वार्थों की पूर्ति और ठेकेदारों से तालमेल बिठाने में लगी रहती हैं। आम जनता की समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता। यूनियन पदाधिकारी सफाई व्यवस्था और कर्मचारियों की समस्याओं पर केवल बैठकों और भाषणों तक सीमित रहते हैं।

वार्डवासियों ने जताई नाराज़गी

स्थानीय निवासियों ने नगर पालिका प्रशासन और एसईसीएल प्रबंधन से सफाई व्यवस्था सुधारने की मांग की है। उनका कहना है कि नगर के प्रमुख वार्डों में रोज़ाना कचरा उठाव सुनिश्चित किया जाए और खराब पड़े वाहनों की मरम्मत जल्द की जाए। वार्डों में सफाई कर्मियों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करना भी आवश्यक है।

लोगों का कहना है कि जब तक जिम्मेदार अधिकारी स्वयं वार्डों का निरीक्षण नहीं करेंगे और ठेकेदारों की मनमानी पर रोक नहीं लगेगी, तब तक चरचा नगर स्वच्छ नहीं बन सकता।

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