चरचा कॉलरी में मां दुर्गा की भव्य विसर्जन यात्राढोल-नगाड़ों, DJ की धुन और जयकारों से गूंजा पूरा नगर, झुमका बांध में प्रतिमा का विसर्जन






चरचा कॉलरी।कोयलांचल क्षेत्र के चरचा कॉलरी में विजयादशमी के अगले दिन मां दुर्गा की विसर्जन यात्रा ऐतिहासिक और भव्य रूप में निकाली गई। शुक्रवार की शाम सुभाष नगर स्थित दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन शोभायात्रा के रूप में सम्पन्न हुआ, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
इससे पूर्व हनुमान मंदिर की दुर्गा प्रतिमा का अबीर-गुलाल और ढोल-नगाड़ों की थाप पर पारंपरिक छत्तीसगढ़ी शैलजा नृत्य के साथ विसर्जन किया गया। वहीं मिलानी क्लब बंगाली समाज ने विधि-विधान से पूजा-अर्चना की और सिंदूर की होली खेलकर विसर्जन यात्रा निकाली।
गुरुवार की रात रावण दहन के उपरांत श्रद्धालुओं के लिए भव्य जगराता का आयोजन किया गया। जस गीतों की मधुर गूंज से पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा। बड़ी संख्या में महिलाएँ और पुरुष मां के चरणों में झूमते-नाचते रहे।
शुक्रवार की सुबह परंपरागत सिंदूर दान की रस्म अदा की गई। महिलाओं ने मां दुर्गा को सिंदूर अर्पित कर चरण स्पर्श किया और एक-दूसरे को सिंदूर लगाकर सौभाग्य एवं समृद्धि की मंगलकामनाएँ दीं।
शाम 7 बजे जैसे ही सुभाष नगर दुर्गा पंडाल से विसर्जन यात्रा प्रारंभ हुई, पूरा नगर “जय माता दी” के उद्घोष और डीजे की धुनों से गूंज उठा। रंग-बिरंगी लाइटों से सजी झांकियाँ, ढोल-नगाड़ों की गूंज और आतिशबाजी ने वातावरण को और अधिक उत्साहपूर्ण बना दिया।

यह यात्रा सुभाष नगर से प्रारंभ होकर महाराणा प्रताप चौक, नेपाल गेट, व्हीटीसी और राजीव गांधी चौक तक निकाली गई। देर रात होने के कारण वहीं से शोभायात्रा को वापस लौटाया गया। पुनः सुभाष नगर पहुंचने पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी।
अंतिम चरण में महिलाओं ने माता दुर्गा की प्रतिमा को चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लिया और भावुक होकर विदाई दी। कई महिलाओं की आंखें नम हो गईं। इसके बाद विशालकाय प्रतिमा को जिले के सबसे बड़े झुमका बांध में विधि-विधान के साथ विसर्जित किया गया।

पूरा नगर इस दौरान आस्था, उत्साह और भक्ति से सराबोर रहा। डीजे और ढोल-ढमाकों की गूंज, रंग-बिरंगी रोशनियों, आतिशबाजी और श्रद्धालुओं की अपार भीड़ ने विसर्जन यात्रा को यादगार बना दिया। जयकारों से गूंजते माहौल में मां दुर्गा को भावभीनी विदाई दी गई और श्रद्धालुओं ने अगले वर्ष पुनः आगमन की कामना की।

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