चरचा में छठ महापर्व की भव्य छटा, सरगुजा संभाग के पहले सूर्य मंदिर की हुई प्राण प्रतिष्ठा, हजारों श्रद्धालुओं ने डूबते सूर्य को दिया अर्घ्य, चरचा छठ घाट में उमड़ा आस्था का सैलाब


चरचा कॉलरी जिला कोरिया।लोक आस्था, श्रद्धा और सूर्य उपासना का महापर्व छठ पूजा इस वर्ष नगर पालिका शिवपुर-चरचा में भव्यता और धार्मिक उल्लास के साथ संपन्न हुआ। कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि पर मनाए जाने वाले इस पर्व में चार दिनों तक श्रद्धा और भक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिला। दिवाली के छह दिन बाद प्रारंभ होने वाला यह पर्व नहाय-खाय, खरना, संध्या अर्घ्य और उषा अर्घ्य के क्रम में पूरे नगर में आस्था का केंद्र बना रहा।

🌞 सूर्य मंदिर का सपना हुआ साकार

नगर पालिका शिवपुर चरचा के वार्ड क्रमांक 1 स्थित ऐतिहासिक छठ घाट को इस वर्ष विशेष रूप से सजाया गया। नगर पालिका अध्यक्ष अरुण जयसवाल, उपाध्यक्ष राजेश सिंह, तथा नपाधिकारी वशिष्ठ कुमार ओझा के नेतृत्व में पूरे घाट को रंग-बिरंगी रोशनी, पुष्प सजावट और झिलमिल दीपों से निखारा गया।
वर्षों से चली आ रही स्थानीय जनता की मांग आखिरकार इस वर्ष पूरी हुई जब भाजपा शासनकाल में सूर्य मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 26 अक्टूबर को विधिवत रूप से सम्पन्न की गई। यह मंदिर सरगुजा संभाग का पहला सूर्य मंदिर होने के कारण श्रद्धालुओं के बीच आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। सोमवार को आयोजित प्रथम अर्घ्य में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी।
नगर पालिका की विशेष तैयारी, सड़कों की धुलाई और सफाई

छठ पर्व के अवसर पर नगर पालिका द्वारा सुबह से ही मुख्य मार्गों की सफाई कर शुद्ध जल से धुलाई की गई, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। छठ घाट तक जाने वाले मार्गों पर विशेष रूप से लाइटिंग और बैरिकेडिंग की व्यवस्था की गई थी।
🎋 गन्ना वितरण और श्रद्धालुओं की सेवा भावना

परंपरा के अनुसार इस वर्ष भी खुशी अंशी स्टोन क्रेशर, खैरातीडांड सरईगहना के संचालक एवं नगर पालिका अध्यक्ष अरुण जयसवाल ने सभी श्रद्धालुओं को गन्ना वितरण कर पुण्य अर्जित किया। श्रद्धालुओं ने डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर परिवार की सुख-समृद्धि और संतान की दीर्घायु की कामना की।

इस अवसर पर पूर्व नपाध्यक्ष अजीत लकड़ा और कांग्रेस प्रदेश महासचिव संजीव सिंह (काजू) ने श्रद्धालुओं के लिए पानी, चाय और बिस्किट की व्यवस्था की। भीड़ के बावजूद घाट पर अनुशासन और श्रद्धा का अद्भुत वातावरण बना रहा।
🎶 भक्ति में डूबा चरचा, जगराते में गूंजे छठ गीत

हर वर्ष की तरह इस बार भी भाजपाइयों द्वारा भव्य जगराता का आयोजन किया गया। छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के सुप्रसिद्ध लोक कलाकारों ने एक से बढ़कर एक छठ भजन प्रस्तुत किए। कांस के बहेंगी लचकती जाए,मारबो रे सुगवा धनुष से सुगा गिरे मुरझाए जैसे पारंपरिक गीतों की गूंज से पूरा चरचा क्षेत्र भक्ति और उत्साह के रंग में रंग गया।
इस दौरान क्षेत्र के विधायक एवं पूर्व मंत्री भईया लाल राजवाड़े ने छठ घाट पहुंचकर डुबते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर छठी मईया का आशीर्वाद लिया और सभी श्रद्धालुओं को महापर्व की शुभकामनाएं दीं।

पौराणिक कथा और छठ पर्व का महत्व

छठ पूजा की उत्पत्ति के संदर्भ में कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं। कहा जाता है कि त्रेतायुग में माता सीता ने वनवास काल में सूर्यदेव की आराधना कर यह व्रत रखा था, वहीं द्वापर युग में द्रौपदी ने भी अपने परिवार की समृद्धि और कुशलता के लिए छठ व्रत किया था।
यह व्रत चार दिनों तक चलता है,

1. नहाय-खाय (पहला दिन) – व्रती स्नान कर सात्विक भोजन ग्रहण करते हैं।

2. खरना (दूसरा दिन) – दिनभर निर्जला व्रत रखकर रात्रि में गुड़-चावल की खीर का प्रसाद लिया जाता है।

3. संध्या अर्घ्य (तीसरा दिन) – डूबते सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया जाता है।

4. उषा अर्घ्य (चौथा दिन) – उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का समापन होता है।

मुख्य रूप से बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में प्रसिद्ध यह पर्व अब छत्तीसगढ़ में भी लोक आस्था का प्रतीक बन चुका है।

👮‍♂️ सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद

छठ पूजा के दौरान सुरक्षा की जिम्मेदारी थाना प्रभारी उपनिरीक्षक प्रमोद पांडेय एवं उनकी टीम ने संभाली। पुलिस बल, नगर पालिका कर्मचारी और स्वयंसेवक पूरे समय घाट पर मौजूद रहे। भीड़ नियंत्रण और यातायात व्यवस्था सुचारु रूप से संचालित रही।

जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति और श्रद्धा का संदेश

आयोजन में विधायक भईया लाल राजवाड़े, नपाध्यक्ष अरुण जयसवाल, उपाध्यक्ष राजेश सिंह, पूर्व नपाध्यक्ष शैलेश शिवहरे, पूर्व मंडल अध्यक्ष अभिमन्यु मुदुली, संतोष शर्मा सचिन मलिक, आदित्य जयसवाल, रंजन शर्मा सहित समस्त पार्षदगण उपस्थित रहे।

✨ आस्था, श्रद्धा और संस्कृति का अद्भुत संगम

चरचा का छठ घाट इस बार केवल पूजा स्थल नहीं, बल्कि आस्था, भक्ति और सामाजिक एकता का प्रतीक बन गया। दीपों की रौशनी, घाट की सजावट, भजन की मधुर धुनें और श्रद्धालुओं का समर्पण इन सबने मिलकर इस बार के छठ पर्व को यादगार बना दिया।

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