चरचा कॉलरी।नवरात्रि के नौ दिन की भक्ति और साधना अब अपने चरम पर है। विजयादशमी का पर्व वह क्षण है जब असत्य, अहंकार और अन्याय का प्रतीक रावण जलकर राख हो जाता है। शिवपुर चरचा का श्रमवीर स्टेडियम इस ऐतिहासिक घड़ी का साक्षी बनने जा रहा है, जहाँ गुरुवार की रात 9 बजे 45 फीट ऊँचे रावण के पुतले का दहन किया जाएगा।
राम-रावण युद्ध की स्मृति में
इतिहास और धर्मग्रंथ बताते हैं कि त्रेतायुग में अयोध्या के भगवान श्रीराम ने लंका के राजा रावण का वध किया था। रावण अपार ज्ञान और शक्ति का धनी था, परंतु उसका अहंकार और अन्याय उसकी हार का कारण बना। विजयादशमी का पर्व उसी पावन युद्ध की स्मृति है, जब सत्य ने असत्य पर विजय प्राप्त की, धर्म ने अधर्म को परास्त किया और मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने आदर्श स्थापित किया।
चरचा का यह रावण दहन उसी परंपरा का प्रतीक है, जिसमें हर वर्ष हम यह संकल्प दोहराते हैं कि समाज में फैल रहे अन्याय, भ्रष्टाचार, हिंसा और अहंकार को जलाकर सदा सत्य और सदाचार का मार्ग अपनाएँगे।
45 फीट का विराट रावण – कलाकारों की अनोखी कृति
इस बार का रावण 45 फीट ऊँचा बनाया गया है, जो स्वयं में एक अद्भुत कृति है। कोरिया जिले से आए कलाकार नवरात्रि के प्रथम दिन से ही श्रमवीर स्टेडियम में जुटे हुए थे। बांस, कपड़े और रंगों से तैयार यह विशालकाय पुतला दूर से ही लोगों को आकर्षित कर रहा है।
भक्ति और उत्साह का संगम
नगरी में हर कोई इस महोत्सव की तैयारी में सहभागी है। बच्चे उत्साह से झूम रहे हैं, महिलाएँ मंगलगीतों और भजनों की स्वर-लहरी से वातावरण को पावन बना रही हैं, और युवा मंच, समिति एवं नगरवासी इस पर्व को ऐतिहासिक बनाने में जुटे हैं।
आतिशबाजी से सजेगा आसमान
पुतले के दहन के बाद रंग-बिरंगी आतिशबाजी से आसमान जगमगा उठेगा। यह दृश्य न केवल रोमांचक होगा बल्कि यह उस विजय की ज्योति का प्रतीक होगा जो हर अंधकार को दूर कर देती है।
विशेष अतिथि द्वारा होगा दहन
इस विराट रावण का दहन क्षेत्र के लाड़ले विधायक एवं पूर्व मंत्री भईयालाल राजवाड़े के हाथों संपन्न होगा। इस ऐतिहासिक क्षण को देखने के लिए नगर ही नहीं बल्कि दूर-दराज़ के ग्रामीण अंचल से भी हजारों लोग उमड़ने वाले हैं।
आयोजन समिति की मेहनत
नगर पालिका उपाध्यक्ष व रावण दहन समिति अध्यक्ष राजेश सिंह, नपाध्यक्ष अरुण जयसवाल, पूर्व मंडल अध्यक्ष अभिमन्यु मुदुली, सचिन मलिक, आदित्य जयसवाल, संदीप कुमार, कमलेश कुमार सहित सैकड़ों कार्यकर्ता और स्वयंसेवक दिन-रात जुटे हुए हैं ताकि कार्यक्रम पूरी तरह सफल और यादगार बन सके।
समाज को संदेश
45 फीट का यह रावण केवल बांस और कपड़े का पुतला नहीं है, यह एक संदेश है,
👉 कि चाहे अन्याय कितना भी बड़ा क्यों न हो, सत्य की शक्ति उसे परास्त कर देती है।
👉 कि चाहे अहंकार कितना भी ऊँचा क्यों न खड़ा हो, वह अंततः राख में मिल जाता है।
👉 कि हर वर्ष हमें अपने भीतर छिपे छोटे-बड़े रावणों क्रोध, ईर्ष्या, लोभ, हिंसा और घृणा को जलाना है।
गुरुवार की रात जब श्रमवीर स्टेडियम में 45 फीट का रावण धधक कर राख में बदलेगा, तो पूरी नगरी में गूंजेगा सत्य की सदा विजय होती है।
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