चरचा कॉलरी (कोरिया)। एसईसीएल बैकुंठपुर क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले चरचा आरओ में इन दिनों कोयले का उत्पादन और परिवहन कार्य पूरे जोर-शोर से जारी है, परंतु इसी तेज़ रफ्तार उत्पादन की दौड़ में जनसुविधाओं और सुरक्षा की अनदेखी साफ़ झलक रही है। रेल मार्ग के साथ-साथ बाहरी ट्रांसपोर्टिंग के जरिए भारी संख्या में ट्रकों से कोयले का परिवहन किया जा रहा है।
सीएचपी साइडिंग से लेकर चरचा बाहरी मार्ग तक हजारों टन कोयला रोज़ाना ट्रकों के माध्यम से भेजा जा रहा है, जिसके चलते पुराना थाना से लेकर चरचा बाहरी मार्ग तक की मुख्य सड़कें पूरी तरह जर्जर हो चुकी हैं। सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं, जिनमें बरसाती पानी भरा हुआ है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह रास्ता छठ पूजा जैसे महापर्व के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं की मुख्य मार्ग भी है। आने वाले दिनों में छठ पर्व मनाया जाना है, लेकिन सड़क की बदहाली और कीचड़ भरे गड्ढों के कारण श्रद्धालुओं को घाट तक पहुंचने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
चरचा क्षेत्र में सिर्फ एकमात्र छठ घाट है, जहां पूरे क्षेत्र के श्रद्धालु पूजा-अर्चना और सूर्य अर्घ्य के लिए इकट्ठा होते हैं। लेकिन जिस रास्ते से श्रद्धालु घाट तक जाते हैं, वहीं अब भारी ट्रकों की लगातार आवाजाही और पार्किंग ने स्थिति को और विकट बना दिया है। ट्रक चालक मनमाने ढंग से सड़कों पर वाहन खड़ा कर देते हैं, जिससे जाम की स्थिति बन जाती है।
जब इस विषय पर कुछ ट्रक चालकों से बात की गई तो उन्होंने साफ़ कहा कि हमें ठेकेदार ने यही पर वाहन खड़ा करने को कहा है। किसी को शिकायत करनी है तो ठेकेदार या मैनेजमेंट से बात करें।
स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि एसईसीएल प्रबंधन और ठेकेदारों के बीच मिलीभगत से यह मनमानी चल रही है। न तो ट्रैफिक व्यवस्था पर ध्यान दिया जा रहा है, न सड़क मरम्मत पर। कोयला उत्पादन और कमीशन की दौड़ में प्रशासन ने जनहित को पूरी तरह नज़रअंदाज़ कर दिया है।
ग्रामीणों और श्रद्धालुओं का कहना है कि यदि शीघ्र ही इस दिशा में कदम नहीं उठाए गए, तो छठ पर्व के दौरान किसी बड़े हादसे की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। महिलाएँ और बुजुर्ग श्रद्धालु इस स्थिति में घाट तक नहीं जा पा रहे हैं, जिससे आस्था का यह महापर्व संकट में पड़ गया है।
सूत्रों के मुताबिक, एसईसीएल प्रबंधन केवल उत्पादन लक्ष्य पूरा करने में व्यस्त है, जबकि क्षेत्रीय महाप्रबंधक स्तर तक शिकायतें पहुंचने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। स्थानीय लोग प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं कि सड़क मरम्मत, जलनिकासी और ट्रक संचालन व्यवस्था पर तुरंत कार्रवाई की जाए, ताकि श्रद्धालु सुरक्षित रूप से छठ घाट तक पहुंच सकें।
स्थानीय जनता की मांग:
जर्जर सड़कों की तत्काल मरम्मत, सीएचपी साइडिंग क्षेत्र में ट्रकों के लिए अलग पार्किंग व्यवस्था, ट्रैफिक नियंत्रण के लिए पुलिस की स्थायी तैनाती, छठ घाट मार्ग की सफाई और जल निकासी व्यवस्था,
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