लालटेन से रौशनी तक की यात्रा — पंडो जनजाति के रामदेव ने दसवीं बोर्ड में 86% अंक लाकर बढ़ाया कोरिया जिले का मान, सीमित संसाधनों में हासिल की बड़ी सफलता, डॉक्टर बनकर समाज की सेवा करने का संकल्प



जिला कोरिया। कोरिया जिले के सुदूरवर्ती ग्राम जामपानी में रहने वाले पंडो जनजाति के छात्र रामदेव पंडो ने अपने कठिन परिश्रम, अनुशासन और दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर ऐसी मिसाल कायम की है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बन जाएगी। शिक्षा सत्र 2024–25 की दसवीं बोर्ड परीक्षा में उन्होंने 86 प्रतिशत अंक प्राप्त कर न केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे समाज और क्षेत्र का नाम रोशन किया है।

परिवार की पृष्ठभूमि : संघर्ष से भरा लेकिन उम्मीदों से उजला

रामदेव के पिता बुधराम पंडो पेशे से किसान हैं, जो मेहनत और ईमानदारी से अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं। उनकी माता श्रीमती रामबाई पंडो आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हैं, जिन्होंने सीमित संसाधनों के बावजूद बेटे की पढ़ाई में हरसंभव सहयोग दिया।बड़े भाई रडजीत पंडो ने बताया कि उनके समाज और गांव से इतने अच्छे अंक प्राप्त करने वाले संभवतः रामदेव पहले छात्र हैं। उनका कहना है कि यह सफलता केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणादायक उदाहरण है।

‘बिजली की रोशनी ने आसान की पढ़ाई’

रामदेव कहते हैं, बड़े भाई लालटेन की रोशनी में पढ़ाई करते थे, पर मुझे बिजली का लाभ मिला। अब गाँव में अंधेरा नहीं, रौशनी है और उसी रौशनी ने मेरे सपनों को नई दिशा दी।वे बताते हैं कि वे रोजाना 6 से 7 घंटे नियमित अध्ययन करते थे। कठिन विषयों को समझने के लिए शिक्षकों और साथियों की मदद लेते, और इंटरनेट से भी जानकारी जुटाते थे।

राज्य की विकास यात्रा से बदली तस्वीर

छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के 25 वर्षों में शिक्षा और बिजली की पहुँच अब राज्य के हर कोने तक पहुँच चुकी है। कोरिया जैसे दूरस्थ अंचलों में जहाँ पहले बच्चे शिक्षा से वंचित थे, अब वहीं के बच्चे डॉक्टर, इंजीनियर और अधिकारी बनने के सपने देखने लगे हैं। राज्य सरकार द्वारा संचालित स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेज़ी माध्यम विद्यालयों ने ग्रामीण अंचलों के विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का नया अवसर दिया है।

अब लक्ष्य – समाज की सेवा

वर्तमान में रामदेव स्वामी आत्मानंद स्कूल, खरवत चौक में विज्ञान विषय लेकर कक्षा ग्यारहवीं में अध्ययनरत हैं। उनका सपना है कि आगे चलकर डॉक्टर बनें और अपने समाज व क्षेत्र की सेवा करें। वे कहते हैं हमारे गाँव में स्वास्थ्य सुविधाएँ सीमित हैं। मैं चाहता हूँ कि हमारे समाज के लोग बीमारियों से न जूझें। डॉक्टर बनकर मैं अपने गाँव के लिए कुछ कर सकूँ यही मेरा सपना है।

‘सफलता की यह कहानी कई दिलों में रौशनी जलाएगी’

ग्रामवासियों और शिक्षकों ने भी रामदेव की उपलब्धि पर गर्व व्यक्त किया है। स्थानीय शिक्षक का कहना है, रामदेव जैसे विद्यार्थी यह साबित करते हैं कि प्रतिभा संसाधनों की मोहताज नहीं होती। बस मेहनत, अनुशासन और परिवार का साथ हो तो हर सपना पूरा किया जा सकता है।
कोरिया जिले की यह कहानी बताती है कि जब शिक्षा और बिजली जैसी मूलभूत सुविधाएँ गाँवों तक पहुँचती हैं, तो बदलाव केवल आँकड़ों में नहीं, बल्कि जीवन में दिखाई देता है। रामदेव पंडो की सफलता न केवल एक विद्यार्थी की जीत है, बल्कि यह उस रौशनी का प्रतीक है, जो अब हर ग्रामीण घर में जग चुकी है।

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