केबल चोरी का मामला तीन दिन में सुलझा, पाँच आरोपी गिरफ्तार


चरचा कॉलरी। थाना चरचा पुलिस ने केबल चोरी के प्रकरण का मात्र तीन दिनों में खुलासा करते हुए पाँच आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, दिनांक 15 अक्टूबर 2025 को प्रार्थी धरमनारायण राजवाड़े उम्र 51 वर्ष निवासी विवेकानंद कॉलोनी, चरचा द्वारा रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी कि वे एसईसीएल चरचा में कार्यरत हैं। दिनांक 14 अक्टूबर 2025 की रात्रि 11:00 बजे से प्रातः 06:00 बजे की शिफ्ट में कार्य के दौरान लगभग 11:00 बजे पंप 56 लेवल के पास काटने जैसी आवाज सुनाई दी। जब वे अपने साथियों रोहित दीवान, लालजी पाव, नरेश, राकेश एवं मुनाफ के साथ मौके पर पहुँचे, तो पाया कि वहाँ रखे लगभग 450 मीटर लंबे केबल तार को अज्ञात व्यक्तियों द्वारा कटर मशीन से काटकर चोरी कर लिया गया है। चोरी गए केबल की कीमत लगभग 70 से 80 हजार रुपये आंकी गई।

प्रार्थी की रिपोर्ट पर थाना चरचा में अपराध क्रमांक 201/2025, धारा 331(4), 305(ई) भारतीय न्याय संहिता (बी.एन.एस. के तहत मामला दर्ज कर विवेचना प्रारंभ की गई।

विवेचना के दौरान पुलिस ने लगातार संदेहियों से पूछताछ कर तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर पाँच युवकों को हिरासत में लिया। पूछताछ में पाँचों ने चोरी की वारदात को स्वीकार किया। गिरफ्तार आरोपी मंगल उर्फ गोलू पिता जनकराम बसोर उम्र 24 वर्ष, पुरुषोत्तम उर्फ गोलर पिता रघुनाथ बसोर उम्र 21 वर्ष, मोहित पिता बेचनराम बसोर उम्र 21 वर्ष, अयोध्या पिता रामप्रसाद बसोर उम्र 19 वर्ष, नितेश पिता नरेश बसोर उम्र 19 वर्ष,सभी निवासी घुटरी दफाई चरचा शामिल हैं। पुलिस ने पाँचों आरोपियों को 17 अक्टूबर 2025 को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है। वहीं फरार अन्य आरोपियों की पतासाजी जारी है। पूछताछ में यह भी सामने आया कि आरोपियों ने चोरी किए गए केबल को अपने पास रखकर बिक्री की योजना बनाई थी। मामले में आगे की विवेचना जारी है।

इस कार्रवाई में पुलिस अधीक्षक कोरिया श्री रवि कुमार कुर्रे के निर्देशन, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री पंकज पटेल एवं एसडीओपी बैकुंठपुर श्री राजेश साहू के मार्गदर्शन तथा थाना प्रभारी चरचा निरीक्षक प्रमोद पांडे के नेतृत्व में उपनिरीक्षक अनिल सोनवानी, सहायक उपनिरीक्षक बालकृष्ण राजवाड़े, प्रधान आरक्षक अमित त्रिपाठी, शशि भूषण, बृजेश सिंह, रूप नारायण सिंह, अजय राजवाड़े, मधु प्रसाद राजवाड़े, जय सिंह, राजेन्द्र सिंह, उमेश्वर राजवाड़े, महिला आरक्षक रंजना, सैनिक रविदास, सतीश सिंह, विकास सिंह एवं राजेश टांडे की सक्रिय भूमिका रही।

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