कच्चे सपनों से पक्के आशियाने तक — श्रीनाथ का संघर्ष हुआ सफल, प्रधानमंत्री आवास योजना ने दिया सम्मान और सुरक्षा का ठिकाना


जिला कोरिया। ग्राम पंचायत चंदहा के किसान श्रीनाथ कभी कच्चे घर की दीवारों से रिसते पानी और बरसाती मौसम में कीचड़ से परेशान रहते थे। सांप-बिच्छू के डर और बच्चों की सुरक्षा की चिंता ने हमेशा उनके मन में पक्के घर का सपना जगाए रखा था। आज वही श्रीनाथ अपने नए पक्के मकान में परिवार के साथ मुस्कुराते हुए जीवन का नया अध्याय लिख रहे हैं।

कोरिया जिले के सोनहत जनपद पंचायत के निवासी श्रीनाथ छोटी कृषि भूमि पर परंपरागत खेती करते हैं और खाली समय में मजदूरी से परिवार का भरण-पोषण करते हैं। सीमित संसाधनों के बावजूद वे हमेशा अपने परिवार को बेहतर जीवन देना चाहते थे, लेकिन आर्थिक स्थिति आड़े आती थी।

वित्तीय वर्ष 2024-25 में श्रीनाथ का चयन प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के अंतर्गत वंचित वर्ग में हुआ। योजना के तहत उन्हें ₹1 लाख 20 हजार की आर्थिक सहायता प्राप्त हुई। इसके साथ ही उन्हें महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत 90 दिन की मजदूरी का भुगतान भी मिला।

दोनों योजनाओं से मिली सहायता के बल पर श्रीनाथ ने अपने सपनों का पक्का घर स्वयं के हाथों से तैयार किया। आज उनका परिवार सुरक्षित, स्वच्छ और सम्मानजनक वातावरण में जीवन यापन कर रहा है।

श्रीनाथ गर्व से कहते हैं प्रधानमंत्री आवास योजना ने हमें सिर्फ़ घर नहीं दिया, बल्कि आत्मसम्मान और सुकून से जीने का हक भी दिया है।

जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के माध्यम से सैकड़ों जरूरतमंद परिवारों को स्थायी आवास उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इस योजना ने ग्रामीण अंचलों में जीवन स्तर सुधारने और आत्मनिर्भरता की दिशा में नई आशा जगाई है।

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