जिला जर्नलिस्ट प्रेस क्लब कोरिया के नाम पर फर्जी संगठन तैयार करने वालों पर बड़ी कार्रवाई, पाँच सदस्य आजीवन निष्कासित, अन्य पर भी कड़ी टिप्पणी संस्था ने साफ किया कि किसी तरह की अवैध गतिविधि बर्दाश्त नहीं कि जाएगी

जिला कोरिया बैकुंठपुर। पंजीकृत जिला जर्नलिस्ट प्रेस क्लब कोरिया की महत्वपूर्ण एवं विस्तारित बैठक शनिवार को पत्रकार भवन प्रेमाबाग में आयोजित की गई। संस्था के संरक्षण, प्रतिष्ठा और पारदर्शिता को बनाए रखने के उद्देश्‍य से बुलाई गई इस बैठक में फर्जी संगठन निर्माण, नाम का दुरुपयोग और नियम-विरुद्ध गतिविधियों में शामिल सदस्यों पर निर्णायक कार्रवाई की गई।सभी बिंदुओं पर गहन चर्चा के बाद क्लब ने पाँच सदस्यों को आजीवन निष्कासित करने का और अन्य संबंधित व्यक्तियों के विरुद्ध कड़ी टिप्पणी दर्ज करने का सख्त एवं सर्वसम्मत निर्णय लिया।
कैसे सामने आया फर्जी संगठन का मामला?

बीते कुछ महीनों से क्लब का नाम एवं पहचान का दुरुपयोग कर समान नाम से दूसरा अनधिकृत संगठन चलाए जाने की शिकायतें मिल रही थीं। बताया गया कि कुछ सदस्यों ने क्लब के अधिकृत व्हाट्सऐप ग्रुप के नाम पर दूसरा ग्रुप बनाकर न सिर्फ भ्रम फैलाया बल्कि उसमें बाहरी व्यक्तियों को भी शामिल किया। यह ग्रुप विभिन्न मंचों और कार्यक्रमों में अपने को ‘अधिकृत संगठन’ बताकर भ्रम की स्थिति पैदा कर रहा था। इससे न केवल पंजीकृत संस्था की छवि धूमिल हुई, बल्कि पत्रकार समाज में भी गलत संदेश गया।
पहले मिला था निलंबन, फिर भी जारी रखी संगठन-विरोधी गतिविधियाँ

जांच के दौरान पाया गया कि चंद्रकांत पारगिर, प्रशांत मिश्रा, अरुण जैन और दीपक सिंह चौहान को 24 अक्टूबर 2025 को छह महीनों के लिए निलंबित किया गया था। निलंबन अवधि के दौरान उनसे अपेक्षा की गई थी कि वे संगठन के नियमों का पालन करें और किसी भी प्रकार की गतिविधि जो संस्था को प्रभावित करे, उससे दूर रहें। परंतु इसके विपरीत, इन सदस्यों ने निलंबन अवधि में भी फर्जी संगठन को सक्रिय रखने, झूठी बैठकों व कार्यक्रमों का प्रचार करने और संस्था के नाम को क्षति पहुँचाने वाले कार्य जारी रखे।

स्थिति गंभीर होने पर निलंबन से आगे की कठोर कार्रवाई आवश्यक मानी गई और इन चारों के साथ कमलेश एक्का का नाम भी संगठन विरोधी कार्यों में पाया गया।
इस पर पाँचों को सर्वसम्मति से आजीवन निष्कासित कर दिया गया।
आजीवन निष्कासन का अर्थ क्या?

संस्था ने स्पष्ट कर दिया कि उक्त पाँच लोगों को भविष्य में कभी भी क्लब की सदस्यता नहीं दी जाएगी।कोई पद, कोई जिम्मेदारी या किसी प्रकार का प्रतिनिधित्व अधिकार उन्हें नहीं मिलेगा। संस्था के कार्यक्रम, आयोजन और मीडिया मंचों पर इन्हें नहीं जोड़ा जाएगा।

फर्जी संगठन के कार्यक्रमों में शामिल अन्य लोगों पर भी निगरानी

फर्जी संगठन के बैनर लगाकर कार्यक्रम आयोजित करने, शहर में पोस्टर–बैनर लगवाने और खुद को पदाधिकारी बताकर फोटो प्रकाशित करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ भी कड़ी टिप्पणी दर्ज की गई है।इनमें अमित पांडेय, नीलेश तिवारी, राजू खान, राजू शर्मा और विशाल सिंह शामिल हैं।
इन नामों को संस्था के रजिस्टर में दर्ज कर भविष्य के लिए स्पष्ट रूप से टिप्पणी लिखी जाएगी कि ये लोग संगठन के नियम-विरुद्ध गतिविधियों में शामिल पाए गए हैं।

संस्था ने कहा कि जिला जर्नलिस्ट प्रेस क्लब हमारे अधिकारों का पंजीकृत नाम है, गलत इस्तेमाल नहीं होने देंगे

बैठक में सदस्यों ने स्पष्ट कहा कि क्लब का नाम और पहचान पंजीयक विभाग में विधिवत पंजीकृत है।
किसी भी व्यक्ति या समूह द्वारा नाम का दुरुपयोग, समान नाम-कलेवर से दूसरा संगठन बनाना या स्वयं को अधिकृत बताना कानूनन भी गलत है।

संस्था ने यह भी कहा कि बदनामी फैलाने या भ्रम उत्पन्न करने वाली गतिविधियों को शून्य सहनशीलता के तहत देखा जाएगा।

पंजीयक कार्यालय को जाएगी पूरी रिपोर्ट

बैठक के सभी निर्णयों को लिखित रूप में संकलित कर संभागीय सहायक पंजीयक, फर्म्स एवं संस्थाएं अंबिकापुर को भेजने का फैसला किया गया है।इसमें फर्जी संगठन से जुड़े सभी मामलों का विवरण, निष्कासन की सूची और संगठन के वास्तविक पंजीकरण की जानकारी संलग्न की जाएगी।

सदस्यों को परिचय पत्र का वितरण—संस्था ने एकजुटता का संदेश दिया

बैठक के दौरान पंजीकृत जिला जर्नलिस्ट प्रेस क्लब कोरिया के सदस्यों को परिचय पत्र वितरित किए गए। संरक्षक उत्तम कश्यप और अध्यक्ष प्रवींद सिंह ने सदस्यों को परिचय पत्र सौंपते हुए कहा कि संस्था एकजुटता, अनुशासन और पारदर्शिता के लिए प्रतिबद्ध है।कार्यक्रम में बड़ी संख्या में पत्रकार उपस्थित रहे और क्लब की मजबूती पर भरोसा जताया।

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