जिला कोरिया। बाल अधिकार संरक्षण, पुनर्वास व्यवस्था और संस्थागत देखरेख की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार निवारण) मामलों के विशेष न्यायाधीश माननीय श्री आशीष पाठक ने आज बाल गृह बैकुंठपुर का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान विशेष लोक अभियोजक श्री महेश शर्मा तथा बाल गृह अधीक्षक श्री सिसोदिया उपस्थित रहे।
संपूर्ण भवन का निरीक्षण, सभी व्यवस्थाओं की बारीकी से जांच....
माननीय न्यायाधीश श्री पाठक ने बाल गृह के आवासीय परिसर, भोजनालय, अध्ययन कक्ष, मनोरंजन कक्ष, स्वास्थ्य देखभाल व्यवस्था, सुरक्षा व्यवस्था तथा बच्चों की दिनचर्या से संबंधित महत्वपूर्ण अभिलेखों का सूक्ष्मता से अवलोकन किया। उपस्थित स्टाफ से बच्चों की देखभाल, पोषण, शिक्षा, प्रशिक्षण, परामर्श एवं मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता के बारे में विस्तार से जानकारी ली गई।
अधीक्षक श्री सिसोदिया ने जानकारी देते हुए कहा कि जिले के साथ साथ मनेन्द्रगढ़, सूरजपुर एवं अन्य क्षेत्रों के ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता नहीं हैं या जो पारिवारिक परिस्थितियों के कारण उनके साथ नहीं रह पा रहे उन्हें बाल गृह में सुरक्षित वातावरण, देखभाल और पुनर्वास की सभी सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं।उन्होंने आगे बताया कि बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य परीक्षण, खेलकूद, सांस्कृतिक गतिविधियों एवं व्यक्तित्व विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है ताकि उन्हें आत्मनिर्भर जीवन की दिशा में आगे बढ़ाया जा सके।
बच्चों से सीधे संवाद, जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया.....
निरीक्षण के दौरान न्यायाधीश श्री पाठक ने बच्चों से व्यक्तिगत रूप से बातचीत की, उनकी आवश्यकताओं, समस्याओं और सुझावों को ध्यानपूर्वक सुना।
बच्चों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा आपकी वर्तमान परिस्थिति आपके भविष्य का निर्णय नहीं करती। निरंतर प्रयास, शिक्षा और अनुशासन से जीवन का हर लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। अपने सपनों को कभी छोटा मत समझें।
उन्होंने बच्चों को आश्वस्त किया कि संस्थान या व्यवस्था के भीतर अगर कभी भी किसी प्रकार की समस्या या असुविधा उत्पन्न होती है तो वे उसे निसंकोच बताकर समाधान के लिए प्रशासन से सहयोग लें।हम समय-समय पर यहाँ आते रहेंगे और आपके बीच उपस्थित होकर व्यवस्थाओं की समीक्षा करेंगे। आपको कभी अकेला महसूस नहीं होने देंगे।
प्रबंधन व्यवस्था की सराहना, भविष्य के लिए दिशा-निर्देश....
निरीक्षण के अंत में माननीय न्यायाधीश ने बाल गृह प्रबंधन एवं स्टाफ द्वारा बच्चों के कल्याण हेतु की जा रही व्यवस्था की प्रशंसा की। साथ ही बच्चों के हित में निम्न बिंदुओं पर और अधिक सुधार के निर्देश भी दिए।
बाल परामर्श एवं मनोवैज्ञानिक सहायता को और सुदृढ़ किया जाए,कंप्यूटर शिक्षा एवं कौशल विकास प्रशिक्षण को विस्तारित किया जाए, बच्चों के लिए खेलकूद एवं बाह्य गतिविधियों को नियमित रूप से बढ़ावा दिया जाए,समय-समय पर मेडिकल चेकअप व न्यूट्रिशन मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जाए
निरीक्षण के पश्चात पूरा वातावरण उत्साहपूर्ण रहा और बच्चों में आत्मविश्वास व ऊर्जा का संचार स्पष्ट दिखाई दिया।
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