चरचा क्षेत्र अब सिर्फ कोयला और हीरे का नहीं, बल्कि प्रतिभावान खिलाड़ियों का भी गढ़—बैकुंठपुर वॉलीबॉल टीम फाइनल से एक कदम दूर

जिला कोरिया। कोरिया जिले एसइसीएल बैकुंठपुर क्षेत्र के चरचा कालरी जहां खनिज संपदा—कोयला और हीरा—के लिए वर्षों से राष्ट्रीय स्तर पर अपनी विशेष पहचान बनाए हुए है, वहीं अब तेज़ी से उभरते युवा खिलाड़ियों की प्रतिभा ने इस क्षेत्र को खेल जगत में भी एक नई पहचान दिलानी शुरू कर दी है। यहां के युवा कार्य के साथ-साथ खेल में भी उल्लेखनीय प्रदर्शन कर यह साबित कर रहे हैं कि चरचा सिर्फ संसाधनों में समृद्ध नहीं, बल्कि प्रतिभा और क्षमता में भी आगे है।
इसी कड़ी में बैकुंठपुर क्षेत्र की वॉलीबॉल टीम ने हाल ही में आयोजित प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए सभी प्रतिद्वंद्वी टीमों को पछाड़कर सेमीफाइनल में शानदार जीत हासिल की है। इस जीत के साथ टीम फाइनल मुक़ाबले से सिर्फ एक कदम दूर पहुंच गई है। टीम के खिलाड़ियों के प्रदर्शन को देखकर दर्शकों और खेलप्रेमियों में उत्साह का वातावरण बना हुआ है।
प्रतियोगिता के दौरान बैकुंठपुर टीम ने बेहतरीन सर्व, स्मैश और डिफेंस का प्रदर्शन किया। खिलाड़ियों के तालमेल और रणनीति ने टीम को लगातार जीत की ओर अग्रसर किया। टीम के कोच ने बताया कि खिलाड़ियों ने कठिन परिस्थितियों में भी शांत रहकर मैचों पर अपना नियंत्रण बनाए रखा, जिसका परिणाम सेमीफाइनल में मिली शानदार जीत के रूप में सामने आया।
स्थानीय नागरिकों, सामाजिक संगठनों और खेल प्रेमियों ने बैकुंठपुर वॉलीबॉल टीम को इस उपलब्धि पर बधाई देते हुए कहा कि चरचा क्षेत्र की युवा प्रतिभाएं आज पूरे जिले का गौरव बन रही हैं। उन्होंने कहा कि चरचा जहाँ देश की ऊर्जा आवश्यकताओं के लिए कोयला और उद्योगों के लिए हीरा प्रदान करता है, वहीं अब यह क्षेत्र मेहनती और प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को भी निरंतर आगे ला रहा है।

टीम के खिलाड़ियों ने कहा कि वे फाइनल मैच को लेकर पूरी तरह तैयार हैं और उनका एकमात्र लक्ष्य क्षेत्र व जिले का मान बढ़ाते हुए विजेता बनने का है। आगामी फाइनल मुकाबले को लेकर पूरे क्षेत्र में उत्सुकता और जोश का वातावरण है। लोगों ने खिलाड़ियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि बैकुंठपुर टीम के जज़्बे और मेहनत को देखकर भरोसा है कि वे फाइनल में भी शानदार प्रदर्शन करेंगे।

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