ग्राम पंचायतों में विकास कार्य पूरी तरह ठप 15वीं और 16वीं वित्त राशि अवरुद्ध होने से ग्रामीण परेशान,
सरपंच संघ ने कलेक्टर को दिया ज्ञापन, शीघ्र राशि जारी करने की मांग, चेताया- समाधान नहीं तो उग्र आंदोलन
जिला कोरिया। ग्राम पंचायतों की जमीनी समस्याओं और विकास कार्यों के लिए जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों ने अब प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बैकुंठपुर जनपद के सरपंच संघ ने सोमवार को कलेक्टर कोरिया के नाम एक विस्तृत ज्ञापन सौंपकर 15वीं एवं 16वीं वित्त आयोग की राशि तुरंत जारी करने की मांग की है। ज्ञापन में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि पंचायत चुनाव सम्पन्न हुए एक वर्ष से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन अब तक पंचायतों को वित्त राशि प्राप्त नहीं हुई है, जिससे क्षेत्र में विकास और मूलभूत सुविधाओं से जुड़े कार्य पूरी तरह ठप हो गए हैं।
काम रुके, ग्रामीण नाराज जनप्रतिनिधि निराश
सरपंच संघ द्वारा सौंपे गए ज्ञापन में बताया गया है कि पंचायतों में पेयजल व्यवस्था, नाली निर्माण, सीसी रोड, सामुदायिक भवन मरम्मत, स्वच्छता से संबंधित कार्य, स्ट्रीट लाइट, आंगनबाड़ी केंद्र तथा अन्य अनेक सार्वजनिक सुविधाओं के विकास कार्य अधर में लटके हुए हैं। राशि नहीं मिलने के कारण पंचायतें अपने स्तर पर कोई कार्य प्रारंभ नहीं कर पा रही हैं, जिससे ग्रामीण लगातार विरोध एवं नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं।
सरपंच संघ का कहना है कि गांवों में लोगों की उम्मीदें पंचायतों से जुड़ी होती हैं, लेकिन वित्त अवरुद्ध होने के कारण सरपंचों को ही लोगों के सवालों और असंतोष का सामना करना पड़ रहा है। “हम जनता की नाराजगी झेल रहे हैं, जबकि वित्त रोकने का निर्णय हमने नहीं लिया, ज्ञापन में यह पीड़ा साफ झलकती है।
संघ ने उठाई बड़ी मांग तत्काल निर्णय’ की अपील
ज्ञापन सौंपने वालों में संघ के अध्यक्ष श्री रामाशंकर सिंह, उपाध्यक्ष श्रीमती मुनिका सिंह, सचिव श्री दयाल साय, सहसचिव श्री फूलचंद सिंह, मीडिया प्रभारी श्रीमती मीना बाई, संगठन मंत्री श्री आरविंद कुरुप, सलाहकार श्री देवराव सिंह सहित बैकुंठपुर जनपद के कई ग्राम पंचायतों के सरपंच शामिल थे। सभी सरपंचों ने सामूहिक हस्ताक्षर कर 15वीं एवं 16वीं वित्त राशि तुरंत पंचायत खातों में हस्तांतरित करने और रुके हुए निर्माण कार्यों की अनुमति प्रदान करने का अनुरोध किया है।
प्रतिनिधियों का कहना है कि पंचायतों को वित्तीय अधिकार मिलने से ही गांवों में योजनाओं और विकास कार्यों को तेजी से लागू किया जा सकता है। ऐसे में प्रशासन को शीघ्र सकारात्मक निर्णय लेना चाहिए।
उग्र कदम उठाने की चेतावनी
सरपंच संघ ने स्पष्ट कहा है कि यदि जल्द ही राशि जारी करने की ठोस कार्रवाई नहीं की गई तो पंचायत प्रतिनिधि मजबूर होकर उग्र आंदोलनकारी कदम उठाने पर विचार करने के लिए बाध्य होंगे। उन्होंने उम्मीद जताई कि जिला प्रशासन पंचायत स्तर की गंभीर परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए तत्काल समाधान करेगा।
निष्कर्ष:
पंचायती राज व्यवस्था का मूल उद्देश्य गांवों को सशक्त बनाना है। लेकिन वित्त अवरुद्ध होने से सरपंच एवं ग्रामीण दोनों ही कठिनाई का सामना कर रहे हैं। अब जिला प्रशासन की प्रतिक्रिया पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।
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